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अमेरिका का हिंसक विरोध प्रदर्शन
- विश्व का सबसे शक्तिशाली देश 1 सप्ताह से आंतरिक संघर्ष के कारण अशांत बना हुआ है ! कारण है एक अश्वेत अमेरिकी नागरिक की मौत !
- अमेरिका के लगभग 100-140 शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तो 40 से अधिक शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है !
- विरोध और हिंसा की लपटें इतनी उग्र हैं कि व्हाइटहाउस तक प्रदर्शनकारी पहुंच गए और हिंसा की संभावना को देखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भूमिगत बंकर में ले जाना पड़ा !
- बढ़ते हिंसा को रोकने के लिए 25 से अधिक राज्यों में नेशनल गार्ड के जवानों को तैनात किया गया है ! और अधिक शहरों में इन्हें तैनात किया जा सकता है !
- हिंसक विरोध प्रदर्शन को 1968 में मार्टिन लूथर किंग की हत्या के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है !
- इस घटना और विरोध प्रदर्शन की शुरुआत 25 मई को दोपहर में हुई ! मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर की पुलिस को वहां के इमरजेंसी नंबर 911 पर एक कॉल (फोन) आता है कि यहां रहने वाले अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ़्लोयड ने $20 के नकली नोट से सिगरेट खरीदा है ! यह आरोप जॉर्ज फ़्लोयड पर था !
- पुलिस मौके पर पहुंची और जॉर्ज फ़्लोयड को एक पुलिस अधिकारी ने जमीन पर गिरा दिया और गर्दन को पैर से 8 मिनट से ज्यादा देर तक दबाए रखा जिसकी वजह से सांस रुकने से जॉर्ज फ़्लोयड की मौत हो गई ! फ़्लोयड बार-बार कह रहे थे मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं !
- इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद लगभग पूरे देश में हिंसा भड़क गई है ! हिंसा के दो प्रमुख पक्ष हैं ! पहला है - अश्वेतों के साथ होने वाला और असमान व्यवहार और दूसरा है विचारधारा का संघर्ष !
- अश्वेतों के साथ उनके रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को हम नस्लवादकी श्रेणी और उसकी विशेषताओं के आधार पर समझ सकते हैं !
- नस्लवाद इस धारणा पर टिकी है कि एक नस्ल दूसरी नस्ल से बेहतर है जैसे गोरे अश्वेतों से श्रेष्ठ हैं ! फलस्वरुप उनके साथ भेदभाव किया जाता है और उनके प्रति पूर्वाग्रह भी पाला जाता है !
- अगस्त 1619 वर्जीनिया के Point Comfort पर एक जहाज आकर रुका जिसमें 20 अफ्रीकी लोग थे जिन्हें गुलाम बनाकर लाया गया था !
- इसके बाद यह संख्या बढ़ती गई और हजारों लाखों की संख्या में यह लोग USA के दक्षिणी राज्य में लाए गए !
- यह लोग अधिक धूप, वर्षा और विपरीत परिस्थितियों में मेहनत कर USA को समृद्ध और खुद को लंबे समय के लिए कैद रखने के लिए विवश किए गए !
- कपास, चीनी, चावल, मक्का आदि जैसे फसलें सिर्फ इनके ही भरोसे चलती रही !
- मैसाच्युसेट्स द्वारा 1641 में और 1662 में वर्जिनियां ने इस गुलामी को वंशानुगत कर दिया अर्थात गुलाम लोगों के बच्चों को भी गुलाम माना जाएगा !
- 1787 में अमेरिकी संविधान को अपनाया गया जो 4 मार्च 1789 को प्रभावी हुआ !
- संविधान द्वारा स्वतंत्रता और समानता की बात अवश्य की गई लेकिन अभी भी अश्वेत श्वेत के बराबर नहीं थे !
- अभी इन्हें वोट देने का अधिकार नहीं था और इनके बच्चे पब्लिक स्कूल में नहीं पढ़ सकते थे !
- 1865 में अमेरिकी संविधान में 13 वां संविधान संशोधन कर यह कहा गया कि गुलामी प्रथा का उन्मूलन किया जाता है अर्थात गुलामी प्रथा वैध नहीं होगी !
- संविधान में तो संशोधन हो गया लेकिन यहां के गोरे समुदाय का मानसिक संशोधन नहीं हुआ !
- फलस्वरुप श्वेतों में अश्वेतों के प्रति पूर्वाग्रह जैसे चोर, ड्रग्स व्यापार, गैर कानूनी व्यापार, और अलगाववादी मान लेना आम है !
- वर्ष 2014 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक साक्षात्कार में कहा कि नस्लवाद की समस्या हमारे समाज में गहरी पैठ बना चुकी है और अभी कई प्रकार के सुधार बाकी हैं !
- वर्तमान मामला पुलिस से जुड़ा है तो हम इस पर ध्यान दें तो पता चलेगा कि इसे अधिकांश समीक्षक पूर्वाग्रह से ग्रसित पाते हैं !
- अमेरिका में अश्वेत आबादी का प्रतिशत 13% है लेकिन श्वेत अमेरिकियों की तुलना में ढाई गुना अधिक अश्वेतों को गोली मार दी जाती है !
- पुलिस रिकॉर्ड रखने वाले "मैपिंग पुलिस वायलेंस" के मुताबिक 2013-2019 के बीच पुलिस कार्रवाई में 7666 अश्वेत लोग मारे गए ! यहां प्रत्येक माह 3 अश्वेतों की इस प्रकार मौत होती है!
- जॉर्ज फ़्लोयड की तरह ही न्यूयॉर्क के एरिक गार्डन की मौत जुलाई 2014 में हुई !
- एरिंकगार्डन को पुलिस ने 30 बार गिरफ्तार किया था, खुली सिगरेट बेचने के आरोप में, जिससे टैक्स बचत होती है !
- जबकि यह आरोप वहां उपस्थित लोगों के अनुसार निराधार थे !
- यहां से एक आंदोलन I Can't Breathe प्रारंभ हुआ !
- 1920-30 के दशक में यूरोप के कई भागों में दक्षिण पंथ ने अपनी पैठ बहुत मजबूत किया था और कई ऐसे संगठन अस्तित्व में आए जो दक्षिण पंथ की विचारधारा को बढ़ाते थे !
- मुसोलिनी, हिटलर की विचारधारा इसी समय आगे बढ़ी !
- इसी समय एसे भी गुट/संगठन बनने लगे जो दक्षिणपंथ और फासीवाद का विरोध करते थे !
- फासीवाद लोकतांत्रिक मूल्यों को स्वीकार नहीं करता है, यह ऐसा समाज विकसित करने का प्रयास करता है जो एक जैसा हो अर्थात विविधता नहीं, एक धर्म, एक संस्कृति, एक परंपरा की बात स्वीकार की जाती है ! इस विचारधारा को मुसोलिनी द्वारा बढ़ाया गया ! इसी प्रकार हिटलर की भी थी !
- इसी फासीवादी विचारधारा को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए एंटी फॉसिस्ट (Antifa) आंदोलन का प्रारंभ हुआ !
- यह गुप्त रूप से कार्य करने वाला कम्युनिस्ट संगठन है !
- यह लोकल रूप में असंगठित तौर पर कार्य करते हैं इसलिए इनकी संख्या और कार्रवाई का पता लगाना कठिन होता है !
- नक्सलवाद, धार्मिक कट्टरवाद, लैंगिक विभेद आदि का विरोध इनका प्रमुख एजेंडा होता है !
- यह सत्ता विरोधी माने जाते हैं क्योंकि इनका मानना है कि सत्ता नक्सलवाद, फासीवाद और और समानता को बढ़ावा देती है !
- यह सोशल साइट तथा सड़क दोनों पर अपना विरोध प्रदर्शन करते हैं और अगर हिंसा आवश्यक लगे तो इसे यह गलत नहीं मानते हैं !
- इनका विरोध प्रदर्शन कई बार सामने आता रहा है !
- वर्ष 2016 में डोनाल्ड ट्रंप जब सत्ता में आए तो अमेरिका में एंटिफ़ा की गतिविधियां तेज हो गई !
- 20 जनवरी 2017 को डोनाल्ड ट्रंप ने जब राष्ट्रपति पद की शपथ ली उस समय उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया !
- दरअसल एंटीफा समुदाय ट्रंप को उदारवादी नहीं मानता है !
- मौजूदा हिंसा में एंटीफा की भूमिका ट्रंप ने बताते हुए इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की बात कहा है !
- दरअसल मुद्दा इसलिए भी जटिल है क्योंकि इसी प्रकार अनेक श्वेत संगठन हैं जिन पर ट्रंप का रुख मुलायम देखा जाता है !
- अमेरिका में घरेलू आतंक विरोधी कानून ना होने के कारण एंटिफ़ा और श्वेत संगठनों द्वारा हिंसा का सहारा लिया जाता है !
- ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंदी जो बिडेन पर भी इस हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है !
- अमेरिकी हिंसा में देश जल रहा है लेकिन इस विरोध प्रदर्शन में एक बड़ी बात यह देखने में आई है कि श्वेत समुदाय के बहुत से पुरुष, महिलाएं एवं बच्चे अश्वेतों के साथ हैं !
- कई शहरों में पुलिसकर्मियों ने घुटने पर आंदोलनकारियों के सामने बैठकर और समानता के प्रति अपना समर्थन दिया है !